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वो बेवफा थी
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वो सिसकती मेरे फोन आने पर, सोचता था वो रोती है, मेरे प्यार को अनजान था, मैं नासमझ था, दिखावा था उसका सिसकना फोन पर अरसा बीता बात हुए, रात को दिन हुए, प्यार का दिवाला हुए उसको तो आदत थी धोखा देने की , बात ये अब आम हुई रोता यहां में उसकी चाहत को , गम था हम एक न हुए ये सोचता में परेशान था, उसको तो आदत थी बोलने की झूट ये कोशिश तो पूरी करती वो मुझे झुठलाने की ,बहाना तो शक था पूरी रात बिताने की , उसको तो आदत सी थी पूरी रात बिताने की मेरा तो सच्चा था प्यार, उम्मीद से बढ़कर उसे चाहने की ख्वाहिश अफसोस तो बहुत है उस कमबख्त को चाहने की । अशोक त्रिवेदिअनु
तेरी आहट
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एहसास होता है ? उस आहट का कभी जिस आवाज को सुनने की तलब थी तुझे जिस साँस को तू अपनी साँस कहती थी जिस जान को अपनी जान कहती थी कभी याद है ना अपना वादा या फिर भूल गयी मेरा है मेरा ही रहेगा यही तो शब्द थे ना वो तू मेरी सुबह तू ही शाम तू मेरा हर पल यही तो कहा था यही वादा था याद है ना क्या हुआ था ऐंसा ? जो तोड़ दी ये डोर तू ही तो कहती थी कुछ भी हो तू मेरा है कितनी भी मुश्किल घड़ियां हो साथ देना फिर क्या हुआ ? वो शब्द थे जो खो गये ? ASHOK TRIVEDI {GYANESH} WED. 28/08/2019
तेरी कसमें
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क्या हुआ उन कसमों वादों का जो तूने मेरे सिराने के पास रखे तूने ही तो किया था वादा याद तो है ना ? कभी न होंगे इक दूजे से दूर चाहे कितने ही आ जाये तूफान तूने ही तो किया था वादा याद तो है ना ? तुझ से मेरी हर शाम -सुबह तू ही मेरा हर सुख -दुख का साथी तूने ही तो किया था वादा याद तो है ना ? ASHOK TRIVEDI {GYANESH} 26/08/2019