तेरी आहट

एहसास होता है ? उस आहट का कभी
जिस आवाज को सुनने की तलब थी तुझे
जिस साँस को तू अपनी साँस कहती थी
जिस जान को अपनी जान कहती थी कभी
याद है ना अपना वादा या फिर भूल गयी
मेरा है मेरा ही रहेगा यही तो शब्द थे ना वो
तू मेरी सुबह तू ही शाम तू मेरा हर पल
यही तो कहा था यही वादा था याद है ना
क्या हुआ था ऐंसा ? जो तोड़ दी ये डोर
तू ही तो कहती थी कुछ भी हो तू मेरा है
कितनी भी मुश्किल घड़ियां हो साथ देना
फिर क्या हुआ ? वो शब्द थे जो खो गये ?
ASHOK TRIVEDI {GYANESH}
WED. 28/08/2019

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