तृष्णा (अशोक त्रिवेदी)
तृष्णा
एक छोटी सी चिड़िया उड़ती दूर-दूर ,कभी पूरब-पच्छिम कभी उत्तर-दक्षिण
सुबह से लेके शाम तक पंखो को फैलाये उड़ती दूर गगन के छोर तक
तृष्णा
एक छोटी सी चिड़िया उड़ती दूर-दूर ,कभी पूरब-पच्छिम कभी उत्तर-दक्षिण
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